परिचय

नशा छोड़ना जितना मुश्किल है, उससे भी ज्यादा कठिन है रिलैप्स (दोबारा नशा शुरू हो जाना) को रोकना।
विश्व स्वास्थ्य संगठनों के अनुसार, लगभग 70–80% लोग नशा छोड़ने के बाद पहले 3 महीनों में रिलैप्स का सामना करते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि व्यक्ति कमजोर है—यह नशे की मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रकृति को दिखाता है।

2025 में नशा मुक्ति विशेषज्ञ मानते हैं कि सही जानकारी + सही तकनीकें + परिवार का समर्थन मिलकर रिलैप्स को पूरी तरह नियंत्रित कर सकते हैं।
यह ब्लॉग आपको बताएगा:

  • रिलैप्स क्या है
  • यह क्यों होता है
  • कौन-सी गलतियाँ रिलैप्स करवाती हैं
  • रिलैप्स को रोकने की वैज्ञानिक तकनीकें
  • घर पर कौन-सी रणनीतियाँ अपनाएँ
  • कब विशेषज्ञ की मदद जरूरी है

रिलैप्स क्या है?

रिलैप्स का मतलब है
नशा छोड़ने के बाद दोबारा उसी नशे का सेवन करना या उसकी इच्छा का बढ़ जाना।

रिलैप्स तीन चरणों में विकसित होता है:

  1. भावनात्मक रिलैप्स – मन खराब, तनाव, गुस्सा, अकेलापन
  2. मानसिक रिलैप्स – नशे की सोच आना, यादें आना, बहाने ढूँढना
  3. शारीरिक रिलैप्स – दोबारा नशा कर लेना

अगर संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो रिलैप्स को 100% रोका जा सकता है।


रिलैप्स क्यों होता है?


1. ट्रिगर्स (उत्तेजक परिस्थितियाँ)

जैसे:

  • पुराने नशे वाले दोस्त
  • पार्टी
  • तनाव
  • दर्दनाक याद
  • अकेलापन
  • नकारात्मक माहौल

ये परिस्थितियाँ नशे की इच्छा को जगाती हैं।


2. भावनात्मक तनाव

तनाव = नशा वापसी का सबसे बड़ा कारण

  • काम का दबाव
  • परिवारिक झगड़े
  • आर्थिक तनाव
  • आत्मग्लानि
  • चिंता / अवसाद

3. नींद की कमी

नींद न पूरी होने से:

  • दिमाग कमजोर होता है
  • निर्णय क्षमता घटती है
  • मूड बदलता है

और नशे की इच्छा बढ़ती है।


4. दिनचर्या में अनुशासन की कमी

जहाँ नियम नहीं, वहाँ मन फिर भटक सकता है।


5. गलत सोच (Negative Thinking)

जैसे:

  • “मैं नहीं बदल सकता।”
  • “मेरी किस्मत ही खराब है।”
  • “थोड़ा सा ले लूँ, कुछ नहीं होगा।”

ये सोच रिलैप्स को जन्म देती है।


6. Withdrawal के मनोवैज्ञानिक प्रभाव

शरीर भले ठीक हो जाए, लेकिन दिमाग cravings पैदा कर सकता है।


रिलैप्स के शुरुआती संकेत (Early Warning Signs)

✔ चिड़चिड़ापन

✔ तनाव

✔ गुस्सा

✔ सामाजिक दूरी

✔ अकेले रहना

✔ नशे वाली जगहों पर जाने की इच्छा

✔ पुराने दोस्तों से संपर्क

✔ सोने-जागने का समय बिगड़ना

✔ नशे की यादें दोहराना

✔ “बस आज के लिए” जैसी सोच

इन संकेतों को जितनी जल्दी पहचान लिया जाए, उतना आसान है रिलैप्स रोकना।


रिलैप्स रोकने की 2025 की सर्वश्रेष्ठ रणनीतियाँ


1. ट्रिगर मैनेजमेंट (Trigger Control)

ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे दूर रहें।

ट्रिगर्स को 3 भागों में बाँटें:

  • व्यक्ति – पुराने दोस्त
  • स्थान – नशे वाली जगहें
  • परिस्थितियाँ – तनाव, झगड़ा, अकेलापन

हर ट्रिगर के लिए लिखें:

  • “इससे कैसे बचूँ?”
  • “अगर सामना हो जाए तो क्या करूँ?”

2. 10-मिनट नियम (Delay Technique)

जब नशे की इच्छा आए:

  • 10 मिनट गहरी साँस लें
  • पानी पिएँ
  • कमरे से बाहर जाएँ
  • मन को दूसरी चीज़ में लगाएँ

90% cravings 10 मिनट में गायब हो जाती हैं।


3. SOS प्लान (Emergency Plan)

एक छोटी डायरी में लिखें:

  • 5 लोगों के नाम जो आपको संभाल सकते हैं
  • 5 गतिविधियाँ जो तनाव कम करें
  • 5 वाक्य जो आपको शक्ति दें

जैसे:

  • “मैं मजबूत हूँ।”
  • “यह craving गुजर जाएगी।”
  • “मैंने बहुत दूर तक सफर तय किया है।”

4. स्वस्थ दिनचर्या (Healthy Routine)

दिनभर की दिनचर्या बेहद महत्वपूर्ण है।

सुबह:

  • 10 मिनट ध्यान
  • हल्की एक्सरसाइज
  • धूप में 5 मिनट

दोपहर:

  • हेल्दी खाना
  • थोड़ा आराम
  • 2 मिनट Breathing

शाम:

  • Walk
  • परिवार के साथ समय

रात:

  • 1 घंटा मोबाइल से दूरी
  • संगीत सुनना
  • नींद पूरी करना

5. परिवार का भावनात्मक सहारा

परिवार का समर्थन recovery की नींव है।

परिवार को चाहिए:

  • डाँट-फटकार न करें
  • शांत माहौल दें
  • प्रेम और विश्वास दिखाएँ
  • बात ध्यान से सुनें

6. Counselling और Therapy

रिलैप्स रोकने के लिए:

  • Cognitive Behavioral Therapy
  • Group Therapy
  • Family Counseling
  • Mindfulness

बहुत प्रभावी हैं।


7. पुरानी संगत से दूरी

पुराने नशे वाले दोस्त relapse का सबसे बड़ा कारण होते हैं।

“ना” कहना सीखें।


8. मानसिक मजबूती के लिए Affirmations

रोज 2 मिनट ज़ोर से बोलें—

  • “मैं सही रास्ते पर हूँ।”
  • “मैं नशे से बड़ा हूँ।”
  • “मैं जीत सकता हूँ।”

यह दिमाग को नया प्रोग्राम देता है।


9. व्यस्त रहें — खाली दिमाग सबसे खतरनाक

नए शौक अपनाएँ:

  • संगीत
  • पढ़ाई
  • बागवानी
  • खेल
  • पेंटिंग

व्यस्त दिमाग cravings को रोकता है।


10. पुरस्कार प्रणाली (Reward System)

अपनी प्रगति का सेलिब्रेशन करें:

  • 7 दिन नशा-मुक्त = एक छोटा उपहार
  • 30 दिन नशा-मुक्त = एक आउटिंग
  • 90 दिन नशा-मुक्त = एक बड़ी उपलब्धि

यह मोटिवेशन बढ़ाता है।


11. Relapse Prevention Plan बनाएँ

एक नोटबुक में लिखें:

  • मेरी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है?
  • मुझे किन स्थितियों से बचना है?
  • मुझे कब ज्यादा craving होती है?
  • मैं किससे मदद ले सकता हूँ?

यह योजना हर दिन आपके साथ होनी चाहिए।


12. सोशल मीडिया से दूरी

रात देर तक मोबाइल इस्तेमाल दिमाग को अस्थिर कर देता है।


13. नींद को प्राथमिकता दें

हर रात 7–8 घंटे की नींद दिमाग को शांत रखती है।


14. अच्छा भोजन – अच्छा मन

खाएँ:

  • फल
  • सूखे मेवे
  • दही
  • प्रोटीन
  • सब्जियाँ

यह cravings कम करता है।


15. Mindfulness ध्यान

5 मिनट का ध्यान:

  • दिमाग शांत करता है
  • तनाव कम करता है
  • cravings नियंत्रित करता है

रिलैप्स हो जाए तो क्या करें?

यदि relapse हो भी जाए तो घबराएँ नहीं।
यह हार नहीं, बल्कि चेतावनी है।

तुरंत करें:

  • खुद को दोष न दें
  • घरवालों से खुलकर बात करें
  • काउंसलर से संपर्क करें
  • Trigger List अपडेट करें
  • Routine फिर से शुरू करें

Relapse का मतलब यह नहीं कि recovery खत्म हो चुकी है — इसका मतलब है आपको नई रणनीति की जरूरत है।


निष्कर्ष

रिलैप्स रोकना नशा मुक्ति की असली जीत है।
सही तकनीकों, सही सोच और सही माहौल के साथ
कोई भी व्यक्ति नशे से हमेशा के लिए दूर रह सकता है।

रिलैप्स रोकने की कुंजी है:

  • ट्रिगर पहचान
  • दिनचर्या
  • मानसिक मजबूती
  • परिवार का सहारा
  • प्रतिबद्धता

आप जितना मजबूत मन बनाएँगे, नशा उतना कमजोर होगा।


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